लेखक:
सुधीर रंजन सिंह
जन्म : 28 अक्टूबर, 1960 कविता-संग्रह : ‘और कुछ नहीं तो’ और ‘मोक्षधरा’। काव्य-अनुरचना : ‘भर्तृहरि : कविता का पारस पत्थर’। आलोचना : ‘हिन्दी समुदाय और राष्ट्रवाद’, ‘कविता के प्रस्थान’ और ‘कविता की समझ’। वृत्तान्त : ‘भारिया : पातालकोट का जीवन-छन्द’। सम्पादन : ‘अद्यतन हिन्दी आलोचना’ और आर.पी. नरोन्हा की पुस्तक ‘अ टेल टोल्ड बाई एन इडियट’ का हिन्दी अनुवाद ‘एक अनाड़ी की कही कहानी’। ई-मेल : singhranjansudhir@gmial.com |
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कविता के प्रस्थानसुधीर रंजन सिंह
मूल्य: $ 17.95
एक गम्भीर और सजग शोध जिसका उद्देश्य सिर्फ इतिहास-क्रम प्रस्तुत करना नहीं बल्कि कविता के इतिहास के वैचारिक प्रस्थान-बिन्दुओं और पड़ावों को रेखांकित करना भी है। बल्कि वही ज़्यादा है। आधुनिक हिन्दी के आरम्भिक विकास और उसमें कविता की उपस्थिति को विभिन्न रचनाओं, कृतियों और विचार-सरणियों के सोदाहरण विवेचन से लेकर उसके बाद ‘कविता क्या है’ इस पूरी बहस का विस्तृत परिचय देते हुए पुस्तक वर्तमान कविता तक पहुँचती है। आगे... |
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कामायनी और हिन्दी आलोचनासुधीर रंजन सिंह
मूल्य: $ 13.95 |
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ढाईसुधीर रंजन सिंह
मूल्य: $ 10.95 |
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भर्तृहरि : कविता का पारस पत्थरसुधीर रंजन सिंह
मूल्य: $ 10.95 |
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मोक्षधरासुधीर रंजन सिंह
मूल्य: $ 10.95
मोक्षधरा' ऐतिहासिक अनुभवों को आत्मचेतना के स्तर पर रचने और 'उत्कर्ष लोक' तैयार करने का सफल प्रयास है। आगे... |
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शायदसुधीर रंजन सिंह
मूल्य: $ 10.95 |